प्रमुख उपलब्धियां
संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए:
o चेचक, गिनी कृमि और पोलियो का उन्मूलन।
o कुष्ठ रोग और यॉज़का खात्मा।
o एवियन इन्फ्लुएंजा,एच1एन1, सीसीएचएफ, प्लेग, लेप्टोस्पायरोसिस जैसी बीमारियों की रोकथाम।
o व्यापक रूप से व्याप्त हैजे को केंद्रित कार्रवाई द्वारा नियंत्रण में लाया गया।
o मलेरिया, ट्रेकोमा, फाइलेरिया, काला-अजार जैसी रोगों के जन स्वास्थ्य बोझ में काफी कमी आई है।
o क्षयरोग को नियंत्रित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गये।
गैर-संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए:
· आधुनिक चिकित्सा और हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के संयोजन द्वारा, देश के 6 जिलों में कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रमका आयुष के साथ एकीकरण। योग इन कार्यक्रमों का एक अभिन्न अंग है।
· एनपीसीडीसीएस द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के सहयोग से 3 जिलों में रूमेटिक ज्वर/रूमेटिक हृदय रोग की रोकथाम और नियंत्रण के लिए प्रायोगिक उपचार(पायलट इन्टरवेंशन)प्रारंभ किया गया ।
· सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली में राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोट्टो) की स्थापना की गई और इसे चालू किया गया ।
· 21 नैदानिक विशेषज्ञताओं/अति विशेषज्ञताओं संबंधी सामान्य स्थितियों के लिए मानक उपचार हेतु दिशा-निर्देश निर्धारित किए गये।
· एलोपैथिक और आयुष चिकित्सा प्रणाली की विभिन्न श्रेणियों से संबंधित नैदानिक स्थापनाओं के लिए न्यूनतम मानक तैयार किए गए।
· वर्ष 2012 में सरकारी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के लिए भारतीय जन स्वास्थ्य मानक संबंधी संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए।
· डॉ. राम मनोहर अस्पताल, नई दिल्ली में राष्ट्रीय चोट निगरानी, ट्रॉमा रजिस्ट्री और क्षमता निर्माण केंद्र की शुरुआत की गई।
· एक नई पहल के रूप में राष्ट्रीय उपशामक देखभाल कार्यक्रम (एनपीपीसी) का शुभारंभ किया गया।
संस्थागत सुदृढ़ीकरण:
• एफएसएसएआई द्वारा नियंत्रण और प्रबंधन वापस सौंपे जाने के बाद एफआरएसएल का पुनरुद्धार।
• अखिल भारतीय स्वच्छता और जन स्वास्थ्य संस्थान, कोलकाता के सुदृढ़ीकरण और पुन: उन्मुखीकरण के लिए रणनीति और रणनीतिक कार्य योजना का विकास किया गया। संस्थान के सुदृढ़ीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
· स्वास्थ्य शिक्षा संबंधी पुस्तकों का विकास(प्रारंभ किया जाना है)।
· चित्रों के माध्यम से एनओएचपी की उपलब्धियॉं।