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स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
भारत सरकार

केंद्रीय कुष्ठ प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान

केन्‍द्रीय कुष्‍ठ शिक्षण और अनुसंधान संस्‍थान 
 
केन्‍द्रीय कुष्‍ठ शिक्षण और अनुसंधान संस्‍थान(सीएलटीआरआई), चेंगलपट्टू
 
भारत सरकार ने वर्ष 1924 में स्‍थापित लेडी वेलिंगटन लेप्रोसी सैनिटोरियम को अपने अधिकार में लेकर केन्‍द्रीय कुष्‍ठ शिक्षण और अनुसंधान संस्‍थान, चेंगलपट्टू की स्‍थापना वर्ष 1955 में की थी। इसके बाद, वर्ष 1974 में भारत सरकार ने केन्‍द्रीय कुष्‍ठ शिक्षण और अनुसंधान संस्‍थान को स्‍वास्‍थ्‍य सेवा महानिदेशालय, स्‍वास्‍थ्‍य ओर परिवार कल्‍याण मंत्रालय का एक अधीनस्‍थ कार्यालय बना दिया, जिसका उद्देश्‍य कुष्‍ठ रोग और इसके नियंत्रण से संबंधित विभिन्‍न पहलुओं पर अनुसंधान के अलावा, कुष्ठ रोगियों को नैदानिक, उपचार और परामर्शी सेवाएं उपलब्‍ध कराना एवं कुष्‍ठ रोग के नियंत्रण/उन्‍मूलन के लिए प्रशिक्षित मानवशक्ति विकसित करना है।
 
इस संस्‍थान में महामारी विज्ञान और सांख्यिकी, नैदानिक, मेडिसन, सूक्ष्‍मजीवविज्ञान और पशु सदन सुविधाओं के साथ जीवरसायन प्रयोगशालाओं, सर्जरी और फिजि़ओथेरेपी के अलग-अलग विंग हैं।  यह संस्‍थान इनडोर और आउटडोर रोगियों को सेवाएं प्रदान करता है । इसके अस्‍पताल में 124 रोगियों के लिए बिस्‍तर की क्षमता है । संस्‍थान के निम्‍नलिखित उद्देश्‍य हैं :
 
·         कुष्‍ठ रोग के फैलने व कुष्‍ठ रोग की की जटिलताओं से संबंधित बुनियादी समस्‍याओं में अनुसंधान करना
·         राष्‍ट्रीय कुष्‍ठ रोग उन्‍मूलन कार्यक्रम(एनएलईपी) को लागू करने के लिए आवश्‍यक जनशक्ति को प्रशिक्षित करना
·         कुष्‍ठ रोग के निदान, प्रतिक्रिया, पुनरावर्तन और पुनर्निमाण सर्जरी के लिए विशेषीकृत सेवाएं प्रदान करना
·         राष्‍ट्रीय कुष्‍ठ रोग उन्‍मूलन कार्यक्रम(एनएलईपी) की मॉनिटरिंग और मूल्‍यांकन
·         देश में कुष्‍ठ रोग रोधी कार्यकलापों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रधान केंद्र के रूप में कार्य करना 
  
क्षेत्रीय कुष्‍ठ रोग प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्‍थान(आरएलटीआरआई), रायपुर
 
 
क्षेत्रीय कुष्‍ठ रोग प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्‍थान(आरएलटीआरआई), रायपुर की स्‍थापना वर्ष 1979 में कुष्‍ठ रोग संबंधी प्रशिक्षण, अनुसंधान और कुष्‍ठ रोग से ग्रसित व्‍यक्तियों को उपचार प्रदान करने के उद्देश्‍य से की गई थी ।
 
क्षेत्रीय कुष्‍ठ रोग प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्‍थान द्वारा किये जा रहे विशेष कार्य :
 
·         यह संस्‍थान राज्‍य और जिला स्‍तर पर राष्‍ट्रीय कुष्‍ठ रोग उन्‍मूलन कार्यक्रम(एनएलईपी) सहित विभिन्‍न राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग के लिए छत्‍तीसगढ़ राज्‍य के क्षेत्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण कार्यालय के रूप में कार्य करता है। 
 
·         आठ जिलों में राष्‍ट्रीय कुष्‍ठ रोग उन्‍मूलन कार्यक्रम(एनएलईपी) के क्रियाकलापों का तकनीकी पर्यवेक्षण : गत आठ वर्षों के दौरान राष्‍ट्रीय कुष्‍ठ रोग उन्‍मूलन कार्यक्रम के मूल्‍यांकन के लिए जिला अस्‍पतालों, 32 सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों, 43 प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों और 38 उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों का दौरा किया गया और संबंधित जिलों को सुधार और दौरों के दौरान देखी गई कमियों को दूर करने के लिए सुझाव दिये गये।
 
क्षेत्रीय कुष्‍ठ रोग प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्‍थान(आरएलटीआरआई), आस्‍का
 
वर्ष 1977 में स्थापित इससंस्थान में 50 बिस्‍तरों का एक अस्पताल है और यह कुष्ठ रोग के ऐसे मामले जिनका निदान कठिन होता है और प्रतिक्रिया और अल्सर के समस्‍याप्रद, जटिल और असाध्‍य मामलों के प्रबंधन के लिए एक रेफरल केंद्र के रूप में काम करता है। यहां विभिन्‍न शल्‍य चिकित्‍सा प्रक्रियाएं नियमित रूप से की जाती हैं और पूर्व में आरसीएस (पुनर्संरचनात्मक सर्जरी) शिविर भी लगाये जाते रहे हैं । यह संस्‍थान कुष्ठ उन्मूलन के लिए एक नोडल प्रशिक्षण और अनुसंधान केंद्र के रूप में भी कार्य करता है।
 
क्षेत्रीय कुष्‍ठ रोग प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्‍थान(आरएलटीआरआई), गौरीपुर
 
क्षेत्रीय कुष्‍ठ रोग प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्‍थान(आरएलटीआरआई), गौरीपुर भारत सरकार द्वारा वर्ष 1984 में स्‍थापित 50 बिस्‍तरों का एक अस्‍पताल है जिसकी स्‍थापना निम्‍नलिखित उद्देश्‍यों के लिए की गई थी:
 
·         कुष्‍ठ रोग के उन्‍मूलन के लिए विभिन्‍न भारतीय राज्‍यों, विशेष रूप से पूवोत्‍तर राज्‍यों में राष्‍ट्रीय कुष्‍ठ रोग उन्‍मूलन कार्यक्रम (एनएलईपी) के बेहतर कार्यान्‍वयन के लिए पर्याप्‍त संख्‍या में चिकित्‍सा अधिकरियों सहित विभिन्‍न श्रेणियों के श्रमबल तैयार करना, और
·         कुष्‍ठ रोग संबंधी ऑपरेशनल अनुसंधान।
 
यह संस्‍थान गौरीपुर नामक गॉंव में स्थित है, जोकि जिला शहर बंकुरा(12 कि.मी.), कोलकाता शहर(240 कि.मी.), दुर्गापुर शहर (56 कि.मी.) और खड़गपुर जंक्‍शन(130 कि.मी.) से अच्‍छे तरह से जुड़ा है ।
 
वर्तमान में, राष्‍ट्रीय कुष्‍ठ रोग उन्‍मूलन कार्यक्रम (एनएलईपी) के प्रबंधन के बदलते परिदृश्‍य में, यह संस्‍थान एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत पूरे साल वरिष्‍ठ चिकित्‍सा अधिकारियों(डीएलओ और बीएमओ) के लिए एनएलईपी हेतु प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण(टीओटी) पाठ्यक्रम का आयोजन करता रहा है। इसके अतिरिक्‍त, यह जनता के लिए सप्‍ताह में 3 दिन ओपीडी सेवाएं प्रदान करता है और जटिल अल्‍सर के मामलों और आवर्तक प्रकृति की प्रतिक्रिया समस्‍या वाले रोगियों के लिए 3 बिस्‍तरों की इनडोर सुविधा चलाता है। संस्‍थान में एक प्रयोगशाला, एक एक्‍स-रे यूनिट और एक फिजियोथेरेपी ईकाई भी सक्रिय है । इसकी क्षेत्रीय ईकाई पूरे साल नियमित रूप से अपने इलाके की लगभग 3,00,000 की जनसंख्‍या के लिए आईईसी क्रियाकलाप कार्यान्वित करती है ताकि कुष्‍ठ रोग के मामलों की शुरूआत में ही पता लगाने के लिए मामलों की स्वैच्छिक रिपोर्टिंग में वृद्धि हो, इससे होने वाली अशक्‍तता को रोका जा सके और रोग से जुड़े कलंक को दूर करके समाज में इसे एक सामान्‍य बिमारी’ के रूप में स्थापित करने में मदद मिल सके।
 

 

संस्थान में वर्ष 2011-12 से नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं और संस्‍थान में विभिन्न प्रकार के कुष्ठ प्रशिक्षणों, जैसे प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण(टीओटी) आदि के लिए प्रशिक्षण क्रियाकलापों के संचालन के लिए एक उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा है। एक बैच के लिए राष्‍ट्रीय कुष्‍ठ रोग उन्‍मूलन कार्यक्रम (एनएलईपी) पर पीएमडब्‍लयू प्रशिक्षण पाठ्यक्रम इस वर्ष फरवरी, 2016 के महीने में निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्‍त,वर्ष 2016-17 के प्रशिक्षण कैलेंडर में चिकित्सा अधिकारियों के लिए एनएलईपी पर तीन दिन के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी शामिल किया गया है।